Koharaa

कोहरा (Koharaa)

उस कोहरेकी चादर में
महसूस कर सको गर…
कर लेना मेरी सांसोंकी महक…
ओसकी बुंदोमे पढ सको तो
पढ लेना मेरी उम्मीद भरी गुजारीशे

अौर फिर
चायकी गर्म प्याली से
अपनी हथेलीयोंको सैक कर छू लेना
अपनेही गालोंको…
मेरा वजूद महसूस हो जायगा..
इर्द गिर्द कहीं
मूंद लोगी पलकें पलभर तो
सुनाईं भी दुंगा मै
उन गुमनाम आहटोंमे ही सही

-गुरु ठाकूर

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